
सरकारी नौकरी वालों के लिए खुशखबरी! अब मिलेंगी एक्स्ट्रा छुट्टियां
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग की एक बड़ी सौगात सामने आई है। भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसले में अंगदान करने वाले कर्मचारियों को 42 दिन की विशेष छुट्टी देने का निर्णय लिया है। यह छुट्टी पूरी तनख्वाह के साथ मिलेगी और नौकरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
इस नए प्रावधान का मुख्य उद्देश्य अंगदान को बढ़ावा देना है, ताकि जरूरतमंद मरीजों को नया जीवन मिल सके। आइए जानते हैं इस योजना की पूरी डिटेल्स…
भारत सरकार ने 7वें वेतन आयोग के तहत एक मानवीय और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए केंद्रीय कर्मचारियों को अंगदान पर 42 दिन की विशेष आकस्मिक छुट्टी देने का निर्णय लिया है। यह पहल न केवल अंगदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है, बल्कि कर्मचारियों को समाज सेवा में योगदान देने के लिए एक सुरक्षित और सहयोगी वातावरण भी प्रदान करती है। इस नीति से हजारों जरूरतमंदों को नया जीवन मिलने की उम्मीद है।
पूरी सैलरी के साथ मिलेगी लंबी मेडिकल छुट्टी, नौकरी पर नहीं पड़ेगा कोई असर कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, जो भी केंद्रीय कर्मचारी स्वेच्छा से अंगदान करेगा, उसे पूरे वेतन के साथ 42 दिन की छुट्टी दी जाएगी। इस दौरान कर्मचारी को वेतन में कोई कटौती नहीं होगी और न ही उसकी नौकरी की सुरक्षा पर कोई नकारात्मक असर पड़ेगा। नीति को राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) की सिफारिशों के अनुरूप तैयार किया गया है ताकि अंगदान प्रक्रिया को आसान और सुरक्षित बनाया जा सके।
यह सुविधा केवल उन्हीं सरकारी कर्मचारियों को दी जाएगी जो स्वेच्छा से अंगदान करते हैं। इसमें मुख्यतः गुर्दा, यकृत का हिस्सा या अग्न्याशय दान करने की प्रक्रिया शामिल है। अंगदान केवल मान्यता प्राप्त सरकारी या निजी अस्पताल में ही किया जाना चाहिए। इसके लिए मेडिकल सर्टिफिकेट और सर्जरी की सिफारिश अनिवार्य है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रक्रिया पूरी तरह से प्रामाणिक और स्वैच्छिक है।
सरकार द्वारा तय की गई 42 दिन की छुट्टी में केवल सर्जरी के बाद की रिकवरी अवधि ही नहीं, बल्कि ऑपरेशन से पहले की जांच और अस्पताल में भर्ती की अवधि भी शामिल है। यदि सर्जरी से 7 दिन पहले मरीज को भर्ती किया जाता है और बाद में 35 दिन तक आराम की जरूरत होती है, तो पूरा 42 दिन एक बार में स्वीकृत किया जाएगा। यह प्रावधान अंगदाता की सेहत और मानसिक स्थिति को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से लाया गया है।
अब तक भारत में अंगदान की दर बेहद कम रही है, और लोग इस विषय में जागरूक नहीं रहे हैं। आर्थिक और नौकरी से जुड़ी चिंताओं के कारण भी कई कर्मचारी अंगदान से पीछे हटते थे। सरकार की यह नई नीति इन सभी शंकाओं को दूर करती है और कर्मचारियों को बिना किसी डर के अंगदान करने के लिए प्रेरित करती है। यह फैसला समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देगा और अंगदान जैसे पवित्र कार्य को सामान्य बनाएगा।
7वें वेतन आयोग की अहम घोषणा: अंगदान पर 42 दिन की छुट्टी
केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को अंगदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह बड़ा कदम उठाया है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार:
- ✅ पूरे वेतन के साथ 42 दिन की छुट्टी
- ✅ केवल स्वैच्छिक अंगदान (किडनी, लिवर, पैंक्रियाज) के लिए
- ✅ मान्यता प्राप्त अस्पताल में ही सर्जरी होनी चाहिए
- ✅ छुट्टी में प्री-ऑप और पोस्ट-ऑप दोनों समय शामिल
किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?
इस स्कीम का लाभ सिर्फ केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा। पात्रता कुछ इस प्रकार है:
- कर्मचारी स्वेच्छा से अंगदान करे (कोई फोर्स नहीं)
- अंगदान सिर्फ NOTTO (राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण संगठन) द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल में हो
- मेडिकल सर्टिफिकेट और सर्जन की रिपोर्ट जमा करनी होगी
- यह छुट्टी सिर्फ अंगदाता को मिलेगी, परिवार के सदस्यों को नहीं
42 दिन की छुट्टी में क्या-क्या शामिल है?
इस विशेष अवकाश में निम्नलिखित चीजें कवर की गई हैं:
🔹 ऑपरेशन से पहले की जांच और तैयारी (7 दिन तक)
🔹 सर्जरी के बाद रिकवरी पीरियड (35 दिन)
🔹 अगर ज्यादा आराम की जरूरत हो, तो अतिरिक्त छुट्टी का प्रावधान
नोट: छुट्टी के दौरान वेतन, भत्ते या सेवा अवधि पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
आवेदन प्रक्रिया क्या है?
अगर आप अंगदान करना चाहते हैं और इस छुट्टी का लाभ उठाना चाहते हैं, तो नीचे दिए स्टेप्स फॉलो करें:
1. मेडिकल डॉक्युमेंट्स इकट्ठा करें
- सर्जन की सिफारिश पत्र
- अस्पताल का मेडिकल सर्टिफिकेट
- NOTTO द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल का प्रमाण
2. अपने विभाग में आवेदन करें
- फॉर्मल एप्लीकेशन लिखकर दें
- सभी डॉक्युमेंट्स अटैच करें
3. छुट्टी की मंजूरी मिलने तक इंतजार करें
- विभाग दस्तावेजों की जांच करेगा
- 42 दिन की छुट्टी स्वीकृत की जाएगी
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1. क्या यह छुट्टी प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को भी मिलेगी?
➡ नहीं, अभी यह सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए है। हालांकि, कुछ राज्य सरकारें भी इसी तरह की योजना ला सकती हैं।
Q2. क्या अंगदान के बाद कोई मेडिकल खर्च मिलेगा?
➡ नहीं, सरकार सिर्फ छुट्टी दे रही है, मेडिकल खर्च कर्मचारी को खुद उठाना होगा।
Q3. क्या यह छुट्टी पेंशन या प्रमोशन पर असर डालेगी?
➡ बिल्कुल नहीं! यह छुट्टी सर्विस रिकॉर्ड में नकारात्मक प्रभाव नहीं डालेगी।
Q4. क्या एक से ज्यादा बार इस छुट्टी का लाभ ले सकते हैं?
➡ नहीं, यह सुविधा सिर्फ एक बार ही मिलेगी।
निष्कर्ष: एक सराहनीय कदम
सरकार का यह फैसला अंगदान को बढ़ावा देने और सामाजिक जागरूकता फैलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न सिर्फ कर्मचारियों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि हजारों मरीजों को नई जिंदगी भी मिल सकेगी।
अगर आप एक सरकारी कर्मचारी हैं और अंगदान करना चाहते हैं, तो इस योजना का पूरा लाभ उठाएं।
👉 अधिक जानकारी के लिए DoPT की आधिकारिक वेबसाइट चेक करें।
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